वीर रस – महिषासुरमर्दिनी : नवरस और देवी शिल्प

बलपराक्रमशक्तीप्रतापप्रभावादीभिर्विभावैरुत्पद्यते बल, पराक्रम, शक्ती, प्रताप और प्रभाव इन विभावों से उत्पन्न होनेवाला रस वीर रस कहलाता है। उत्साह यह वीर रस का स्थायीभाव है, इसलिए वीर रस को सात्विकता प्राप्त होती है। वीरता के रस में दया-वीर, दान-वीर, धर्म-वीर और Read More …