भयानक रस – करालवदना : नवरस और देवी शिल्प

नवरस और देवी शिल्प इस शृंखला में अबतक उमामहेश्वर आलिंगन प्रतिमा में अंकुरित होनेवाले रसराज शृङ्गार की जानकारी ली। कांची के कैलासनाथ मंदिर के उत्कीर्ण सप्तमातृका पट में निर्मित हास्य रस की झलक देखी। देवी त्रिपुरा के स्वरूप मे करुण Read More …

रौद्र रस – काली : नवरस और देवी शिल्प

रससिद्धांत में शृंगार, हास्य और करुण रस के बाद रौद्र रस का स्वरूप प्रकट किया गया है। इस रस निष्पत्ती का स्थायीभाव क्रोध है। इसलिए जब रुद्र रस अभिव्यक्त किया जाता है, तो उत्साह, आवेग, शीघ्रता, उग्रता और उत्तेजना दिखाई Read More …